
प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली किसी से छुपी हुई नहीं है. अधिकतर प्राथमिक विद्यलयों के भवन जर्जर हालात में हैं. विभाग इन्ही जर्जर भवनों में कक्षाएं संचालित कर विद्यालय में पढ़ने के लिये आने वाले नौनिहालों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं. अकेले पौड़ी में ही चार दर्जन से अधिक भवन इतने जर्जर है कि वे कभी भी गिर सकते हैं. पौड़ी मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय नम्बर एक जहा पर ये नौनिहाल टूटी और चूती टिन छत के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. बरसात में तो स्थिति और भी विकट हो जाती हैं. जब स्कूल के टिन की छट से पानी गिरता रहता है और नौनिहालों की सभी कापी, किताब और बैग भी भीग जाता है. बरसात के मौसम में स्कूल की दीवारें कभी भी ढह सकती है और बच्चों को भी नुकसान हो सकता है.
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