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Saturday, July 21, 2018

घर बैठ बैठ स्वरोजगार से जुड़ी महिलाएं, सुधर रही जिंदगी


झारखंड में सकारात्मक सोच और महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने की दिशा में चलाई जा रही योजना से गुमला के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं का सशक्तिकरण तेजी से हो रहा है.
Sushil Kumar Singh | News18 Jharkhand
Updated: July 22, 2018, 1:47 PM IST
झारखंड में रघुवर सरकारकी सकारात्मक सोच और महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने की दिशा में चलाई जा रही योजना से गुमला के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं का सशक्तिकरण तेजी से हो रहा है. इलाके की महिलाएं सरकार की सहायता से विभिन्न प्रकार के व्यवसाय से जुड़कर घर बैठे बैठे अच्छी कमाई कर रही हैं. महिलाओं के कमाउ होने से परिवार की भी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा है. साथ ही परिवार वालों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है.

गुमला एक ऐसा आदिवासी बहुल पिछड़ा जिला है जहां की अधिकांश आबादी पूरी तरह से खेती पर आश्रित थी और इसी कारण उन्हें हमेशा आर्थिक तंगी झेलनी पड़ती थी. पैसों की तंगी दूर करने के लिए महिलाओं को लोगों के घरों में आया का काम करना पड़ता था. कुछ महिलाएं तो ईंट भट्ठे में भी काम करने चली जाती थी. वहीं सूबे में बनी किसी भी सरकार ने कभी इन पर कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब रघुवर दास की सूबे में सरकार बनी तो उन्होंने न केवल इसे गंभीरता से लिया बल्कि महिलाओं को स्वावलम्बी और सशक्त बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं भी शुरू की. इसका लाभ गुमला के रायडीह प्रखंड की सिलम पंचायत की महिलाओं ने उठाया. महिलाओं ने सखी मंडन और स्व सहायता समूह बनाकर सबसे पहले मुर्गी पालन शुरू किया. इसके बाद अब कई महिलाएं सूअर पालन भी कर रही हैं. इससे महिलाओं को अपना सारा काम करते हुए भी हजारों की कमाई हो रही है.

ग्रामीण महिलाओं की मानें तो इसमें कई ऐसी महिलाएं हैं जो प्रति दिन 20 से 50 रुपए तक बचत कर रही हैं. महिलाएं अपनी समूह में ही राशि जमा करती हैं. जरूरत पड़ने पर सखी मंडल से लोन लेकर भी अपने सारे जरूरी काम कर रहीं हैं. महिलाओं की मानें तो आज इस सखी मंडल में 900 महिलाएं शामिल हैं.
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